Rekha mishra

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लेखनी प्रतियोगिता -11-Dec-2021

            यादें उन छुट्टियों की 
हर एक बच्चा शरारती हो  जरूरी नहीं कुछ शांत स्वभाव के भी होते हैं, तो कुछ इतने हुड़दंग करने  वाले तो  बात हो रही है शैतान बच्चे गोलू की ये एक ऐसे बच्चे थे जिन्हें हर चीज तोड़ कर देखना  फिर जोड़ने का शौक रहा कर ता था, ये ये भी नहीं देखते थे कि चीज काम की है या नहीं बस उसे तोड़ो उसका काम लगा दो, हो पाए तो जोड़ों वरना जाने दो, और सोने पर सुहागा ये अपनी नानी के घर रहे  पूरे चार साल, नानी नाना का लाड भी थोड़ा ज्यादा ही था पहली बेटी का बेटा और पूरे परिवार में दूसरा बच्चा, ये मेरे छोटे भाई ही हैं, जो अभी तीस साल के हो चुके हैं, इनका एक किस्सा कुछ यूँ रहा था कि नाना जी को मिली तनख्वाह वो गिन रहे थे तो इनकी जिद हुई ये इन्हें भी करना है नाना सीधे स्वभाव उस समय कुल 10 हजार तनख्वाह थी जो उस समय के हिसाब से काफी थी, नाना ने पाँच ही पकडा दिए कुछ देर खेल कर गोलू जी गए बाहर पड़ोस में बंधी बकरी के मुह में नोट डाल दिए, वो तो एक राह चलते आदमी ने देख लिए जल्दी से हाथ खिंचा, फिर भी काफी नोट खराब कर चुकी थी, हम सभी गरमी की छुट्टी में वहाँ जाते उस दिन पहली बार नानी ने उसे मारा। पर बिचारे नाना तब भी शांत छोटा बच्चा है,अब मत करना बेटा और फिर उसे उठाकर दुकान ले गए चॉकलेट दिलाने साथ मुझे भी, तो ये थे हमारे प्यारे नाना गरमी आती है पर नाना चले गए। भगवान अगर अगले जन्म नाना हो तो वो ही हों। 
By-Rekha mishra 

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6 Comments

Barsha🖤👑

14-Dec-2021 05:06 PM

Nice

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Seema Priyadarshini sahay

13-Dec-2021 12:11 AM

बहुत खूबसूरत

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Abhinav ji

12-Dec-2021 11:44 PM

Nice one

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